गुरुवार, 30 अक्टूबर 2025

ज़ाम से ज़ाम

साकी ने दिया ज़ाम होंठों से लगाके पी 
कल से छोड़ देना आज मुस्कुरा के पी

जो कहते है कि यारों ये चीज़ बुरी है
उन दोस्तों को आज तू दिखा दिखाके पी

पीते हुए का कोई तेरा हाथ रोक ले, तो
उसको मना करके बहाना बनाके पी

माना दर्द ज़माने का इस दिल में है भरा 
आज रात उस दर्द को तू भुलाके के पी

दिल भी टूटा है ये कांच टूट जाने दे 
ज़ाम से ज़ाम आज रात टकराके पी

दीवानों का परवानों का मयखाना ठिकाना 
आज "कमल" तू मयखाने जाके पी

मुकेश कमल 
7986308414

ताल

संगीत शिक्षक 
उस्ताद हसन कमाल
नये नये शार्गिद से 
कर रहे थे सवाल 
बेटा तुम किस ताल के विषय 
में अधिक जानते हो 
सुनकर सवाल 
बोले शिष्य रामलाल 
उस्ताद जी हड़ताल।

मुकेश कमल 
7986308414

बुधवार, 29 अक्टूबर 2025

भैंस और दूधिया

क्या बताऊं आपको 
अपने दूधिये रामलाल की
अजी उसकी 
हाजिरजवाबी है कमाल की
एक दिन 
दूध पतला देखकर 
हमने शिकायत कर दी
जैसे राम लाल जी की 
शान में हिमाकत कर दी 
हमने कहा "रामलाल भाई 
ये तो षडयंत्र है, 
तुझमें और भैंस में 
केवल एक अंतर है,
वो शुद्ध दूध देती है और 
तुम देते हो पानी मिलाकर"
रामलाल झल्लाकर
बोला "एक अंतर और है सरकार
भैंस उधार नहीं देती और 
रामलाल देता है उधार"।

मुकेश कमल 
7986308414
 


मेरे बाप ने कुत्ता पाला

कवि महोदय पहुंच मंच पर
लगे जो करने कविता पाठ 
एक पंक्ति को दोहराया बार आठ 
मेरे बाप ने कुत्ता पाला 
मेरे बाप ने कुत्ता पाला 
बोले जाते 
बार बार इस एक पंक्ति को दोहराते 
भाई आपके पिता जी कुत्ता पाले या घोड़े 
पर उनसे निवेदन है कि 
उन्हें भौंकने के लिए मंच पर न छोड़े 
भीड़ में से आवाज आई 
उस दिन के बाद 
कवि जी ने त्याग दी कविताई
फिर कभी कविता नहीं सुनाई 

मुकेश कमल 
7986308414

हाज़िर जवाब बेटा

पिता जी ने अपने पुत्र को
फेल होने पर डांटा 
और गुस्से में जड़ दिया
उसके गाल पर चांटा 
बेटा सुबकने लगा 
बाप गुस्से से लाल
बाप ने बेटे से पूछा एक सवाल
क्यों रे तूने कभी गधा देखा है
बेटा बोला जी पिता जी देखा है
तुम्हारी शक्ल उससे एकदम मिलती है 
बाप चिल्लाकर बोला
कांप गया वो बच्चा भोला 
मासूमियत से बोला आपने बाप से
पिताजी मम्मी तो कहती है कि 
मेरी शक्ल मिलती है बिल्कुल आपसे।

मुकेश कमल 
7986308414

अधूरा वाक्य

अध्यापक महोदय 
कक्षा में आते ही 
छात्रों को देकर एक वाक्य अधूरा 
बोले "इसे करके दिखाओ पूरा"
वाक्य था 
जिनके घर शीशे के होते है वो....
छात्र सोच में पड़ गये 
ये पूरा कैसे हो!!!
इतने में एक बच्चा-अक्ल का कच्चा 
मन का सच्चा
देखने में अति भोला-मासूमियत से बोला 
जिनके घर शीशे के होते है वो...
ख़ुद को लोगों की नजरों से बचाकर 
बदलते है कपड़े - बत्ती बुझाकर।

मुकेश कमल 
7986308414

मंगलवार, 28 अक्टूबर 2025

हरियाणे के छोरे

हरियाणे के छोरे 
होते है लाजवाब 
ग़ज़ब के हाजिरजवाब
कल ही की थी बात 
मैं और मेरा दोस्त 
रामफल एक साथ
कुरुक्षेत्र अड्डे से बस में चढ़े 
बस खचाखच सीट ना मिली 
बीच में होगे खड़े 
अचानक रामफल का हाथ 
एक छोरी के कंधे से छू गया 
और बिगड़ गई बात 
छोरी बोली "ओ के कर रिया है"
बस मैं खामोशी 
छोरी फिर बोली "ओ के कर रिया है"
रामफल बोल्या मै, मैं के कर रिया हूं,
इभी तो कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी 
से एम ए कर रिया हूं।
इतने मैं जूतों की हुई बौछार 
दिन मैं दिख गए ख़ाब 
हरियाणे के छोरे लाजवाब