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रविवार, 2 नवंबर 2025

दूधिया भोला

छह बजे घंटी बजी
दरवाज़ा खोला 
सामने खड़ा था
दूधिया भोला
साहब नमस्ते 
दूध लीजिए
जल्दी कीजिए 
भगोना दीजिए
हमने भगोना 
आगे कर दिया
उसने उसे भर दिया
पर ये क्या ये तो पानी है
मैं चौका
दूधिए को टोका
अरे भोला
तू दूध वाला या पानी वाला
पैसे लेता है दूध के
भगोने में केवल पानी डाला
ओहो
डाल कैन में कैन 
हिलाना भूल गया
माफ़ कीजिए साहब
दूध मिलाना भूल गया
वो बस इतना ही बोला था
मैं अभी तक सोच रहा हूं 
क्या भोला वास्तव में भोला था।

मुकेश कमल 
7986308414


बुधवार, 29 अक्टूबर 2025

मेरे बाप ने कुत्ता पाला

कवि महोदय पहुंच मंच पर
लगे जो करने कविता पाठ 
एक पंक्ति को दोहराया बार आठ 
मेरे बाप ने कुत्ता पाला 
मेरे बाप ने कुत्ता पाला 
बोले जाते 
बार बार इस एक पंक्ति को दोहराते 
भाई आपके पिता जी कुत्ता पाले या घोड़े 
पर उनसे निवेदन है कि 
उन्हें भौंकने के लिए मंच पर न छोड़े 
भीड़ में से आवाज आई 
उस दिन के बाद 
कवि जी ने त्याग दी कविताई
फिर कभी कविता नहीं सुनाई 

मुकेश कमल 
7986308414