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सोमवार, 3 नवंबर 2025

टीवी और हम

टीवी ने कर दिया है, क्या हाल क्या कहें 
टीवी के बिन ना गलती अब दाल क्या कहें।

शौहर से ज़्यादा बीवी को प्यार टीवी से
बच्चों से ज़्यादा मां को दुलार टीवी से
देखती है टीवी सब कुड़ियां मस्त होकर
आंखों कोे सेंकती है बुढ़िया मस्त होकर
बासी कढ़ी में आ रहे उबाल क्या कहें 
टीवी के बिन ना गलती अब दाल क्या कहें।

देखते है कार्टून बच्चे छोड़ पढ़ाई
टॉम एंड जेरी के जैसे करते लड़ाई
अपने को स्पाइडरमैन वो ही मैन कहते है
ख़ुद को शक्तिमान के वो फैन कहते है
आकाश को बनाते पाताल क्या कहें 
टीवी के बिन ना गलती अब दाल क्या कहें।

बूढ़े जवान सारे ही डूबे है मैच में 
रहता है ध्यान हरदम बैटिंग में कैच में 
है पैर कब्र में, तबियत मगर रंगीन 
भजन के ना सत्संग के फिल्मों के है शौकीन 
श्री देवी पे फिदा बुड्ढा रामलाल क्या कहें 
टीवी के बिन ना गलती अब दाल क्या कहें।

संस्कार सभ्यचार एक ओर पड़े है 
इस नंगेपन ने खोखली कर डाली जड़े है 
फैशन टीवी, ट्रेंडज जैसे चैनलों की होड़ 
धावक है युवा पीढ़ी और है नग्नता की दौड़ 
शर्मों हया का टीवी बना काल क्या कहें 
टीवी के बिन ना गलती अब दाल क्या कहें।

मुकेश कमल 
7986308414

अज़ब परेशानी

मेरा मित्र सत्यवान
एक दिन मेरे पास आया
शक्ल पे उदासी 
लग रहा था घबराया 
मैने पूछा हो हैरान 
क्यों भाई सत्यवान 
क्या बात हुई
लग रहे हो परेशान
सत्यवान बोला 
कल शाम
एक फोन आया 
गुमनाम
फोन करने वाला 
कुत्ता साला 
सामने आए तो 
उसका मुँह तोड़ दूं 
मुझे धमका रहा था
की मैं उसकी गर्लफ्रेंड 
का पीछा छोड़ दूं
वरना  मुझे गोली मार देगा!
तू ही बता मुकेश यार
क्या करूं 
जिऊं या मरूं 
उसकी रूआंसी सूरत देख 
मुझे बहुत तरस आया
मैंने समझाया 
सत्यवान, अपनी दिशा मोड़ दे
पागल तू उसकी गर्लफ्रेंड का 
पीछा छोड़ दे
ये सुनकर सत्यवान 
झल्लाकर बोला
उसने अपनी घबराहट का
असली राज़ खोला
अरे कम से कम
फोन करने वाला 
वो साला 
अपनी गर्लफ्रेंड का 
नाम तो बताता 
अब शीला को छोड़ूं, रीना को
या रीटा को छोड़ूं 
समझ में नहीं आता।

मुकेश कमल 
7986308414



रविवार, 2 नवंबर 2025

दूधिया भोला

छह बजे घंटी बजी
दरवाज़ा खोला 
सामने खड़ा था
दूधिया भोला
साहब नमस्ते 
दूध लीजिए
जल्दी कीजिए 
भगोना दीजिए
हमने भगोना 
आगे कर दिया
उसने उसे भर दिया
पर ये क्या ये तो पानी है
मैं चौका
दूधिए को टोका
अरे भोला
तू दूध वाला या पानी वाला
पैसे लेता है दूध के
भगोने में केवल पानी डाला
ओहो
डाल कैन में कैन 
हिलाना भूल गया
माफ़ कीजिए साहब
दूध मिलाना भूल गया
वो बस इतना ही बोला था
मैं अभी तक सोच रहा हूं 
क्या भोला वास्तव में भोला था।

मुकेश कमल 
7986308414


शर्मा जी का दुःख

शर्मा जी की तीसरी 
बीवी के देहान्त पर
वर्मा जी सांत्वना 
देने पहुंचे उनके घर
ढांढस बंधाते हुए 
होले होले 
शर्मा जी से बोले 
भाभी जी के बारे जानकर 
बहुत दुख हुआ
उनकी आत्मा को शांति मिले 
ईश्वर से है यही दुआ 
मजबूती से इस संताप को
दुख सहने की दे शक्ति आपको
अच्छा 
शर्मा जी सुना है आपने 
तीन शादी की थी
भाभी जी आपकी 
तीसरी बीवी थी!
जी हां, कहकर 
शर्मा जी रोने लगे
अपने मोतिया बिंदी 
नैन भिगोने लगे
वर्मा जी के इस सवाल ने 
उनकी दुखती रग छुई थी,
भाई, शर्मा जी आपकी पहली 
पत्नी की मृत्यु कैसे हुई थी?
जी ज़हर खाकर
वर्मा जी रोनी सूरत बनाकर 
और जो दूसरी थी?
वो भी ज़हर खाकर मरी थी।
तो ये तीसरी!
ये तीसरी मंजिल से गिरी थी।
पहली दूसरी ज़हर खाकर 
तीसरी छत से छलांग लगाकर 
आप तो व्यक्ति संत है 
पर धर्म पत्नियों का
बड़ा दुखद अंत है
आख़िरआपके साथ
ऐसा क्यों हुआ?
शर्मा जी बोले वर्मा जी
ऐसा यों हुआ 
कि
पहली ज़हर खाकर मरी
दूसरी भी ज़हर खाकर मरी
ये ज़हर खाने को तैयार नहीं हुई
इसलिए छत से गिरी।

मुकेश कमल
7986308414










उस्तरे से बचाव

बाज़ार का टॉप 
चंचल बार्बर शॉप
मिस्टर देव 
गये कराने शेव
नाई शेव करने लगा 
उस्तरे की धार 
तेज रफ़्तार 
देख देव डरने लगा
नाई की हस्त कला देख
लगी सूखने सास
होने लगा यमदूत की
निकटता का आभास 
उधर
उस्तरे की स्पीड 
करता हुआ हाई 
बोला नाई
जनाब आप हो 
कितने भाई?
देव सोच रहा था ये 
नाई है या कसाई 
देव जी मौन 
उस्तरा लहराया 
नाई ने फिर प्रश्न दोहराया 
आप कितने भाई हो?
देव बोला "तेरे उस्तरे से
बच गया तो तीन
वरना दो।

मुकेश कमल 
7986308414

शनिवार, 1 नवंबर 2025

चांद और चकोर

प्यार क्यों किया जो निभाना नहीं आता
या प्यार करते हो पर जताना नहीं आता।

यूं दिल की बात दिल में छुपाए हुए हो क्यों
या बता नहीं सकते या बताना नहीं आता।

रुलाने का हुनर तो यहां आता है सभी को
लेकिन सभी को यारों हंसाना नहीं आता।

वो शख्स बन गया महफिल में मेज़बान 
पीना जिसे आता है पिलाना नहीं आता।

जो चाँद बनके आप फ़लक पर नहीं आते
बनके चकोर "कमल" दीवाना नहीं आता।

मुकेश कमल 
7986308414

बेवफ़ा कौन

मेरे परम मित्र 
एक दिन आए मेरे पास
मूंह लटका, मुरझाया चेहरा 
लगा बड़ा उदास
मैने पूछा बात हुई क्या
बोलो राम प्रकाश 
क्यों है बेरंग चेहरा तेरा 
जैसे सूखी घास 
मायूसी से मित्रवर 
बोले यार मुकेश 
कल से हो रहा 
घर में मेरे बड़ा क्लेश 
मैने पूछे क्यों बे 
ऐसी क्या बात हो गई
तेरी चांदनी रात 
क्यों काली रात हो गई
वो बोला 
यार ये लगता है मेरी लुगाई
कर रही है मुझसे वेवफ़ाई 
मैने पूछा कैसे यार
वो बोला सुन ऐसे यार
रात गये वो बहुत देर से 
लौटी थी घर
कारण पूछा तो उसने
ये दिया था उत्तर 
रजनी से मिलने गई थी उसके यहां
ये सुनकर मैने कहा
अरे तो तुम्हे क्यों  लगा
कि भाभी जी कर रही है तुमसे दगा 
वो बोला रजनी से मिलने गई थी
उसने गलत कहा था
मैं बोला फिर क्या सही था
वो बोला रजनी के घर 
मेरे और रजनी के सिवा 
तीसरा कोई नहीं था।

मुकेश कमल 
7986308414




आज ईद है

एक बच्चा दौड़ता हुआ 
मां के पास आकर 
मां से लिपटकर 
बोला मुस्कुरा कर
"अम्मी निकालिए पैसे"
अम्मी बोली "पैसे"
वो कैसे"
अरे ईद के पैसे अम्मी,
जल्दी दो ना 
मेरी प्यारी मम्मी"
मां सुनकर हैरान
बोली मेरे बुद्धू नादान 
आज ईद नहीं है
पगले तुझसे ये बात 
किसने कही है
बेटा मायूसी से बोला 
अम्मी झूठ मत बोलो
बच्चा हूं मानता हूं
मगर आज ईद है 
ये भी जानता हूं 
आज ईद है तभी तो
अब्बू फूल से खिल रहे थे
ईद पर गले मिलते है ना
अब्बू सुबह सुबह बाजू 
वाली आंटी से गले मिल रहे थे 
आंटी को सोने का हार 
अब्बू ने दिया खरीद है
अम्मी पैसे निकालो 
आज ईद है।

मुकेश कमल 
7986308414





बुधवार, 29 अक्टूबर 2025

भैंस और दूधिया

क्या बताऊं आपको 
अपने दूधिये रामलाल की
अजी उसकी 
हाजिरजवाबी है कमाल की
एक दिन 
दूध पतला देखकर 
हमने शिकायत कर दी
जैसे राम लाल जी की 
शान में हिमाकत कर दी 
हमने कहा "रामलाल भाई 
ये तो षडयंत्र है, 
तुझमें और भैंस में 
केवल एक अंतर है,
वो शुद्ध दूध देती है और 
तुम देते हो पानी मिलाकर"
रामलाल झल्लाकर
बोला "एक अंतर और है सरकार
भैंस उधार नहीं देती और 
रामलाल देता है उधार"।

मुकेश कमल 
7986308414
 


मेरे बाप ने कुत्ता पाला

कवि महोदय पहुंच मंच पर
लगे जो करने कविता पाठ 
एक पंक्ति को दोहराया बार आठ 
मेरे बाप ने कुत्ता पाला 
मेरे बाप ने कुत्ता पाला 
बोले जाते 
बार बार इस एक पंक्ति को दोहराते 
भाई आपके पिता जी कुत्ता पाले या घोड़े 
पर उनसे निवेदन है कि 
उन्हें भौंकने के लिए मंच पर न छोड़े 
भीड़ में से आवाज आई 
उस दिन के बाद 
कवि जी ने त्याग दी कविताई
फिर कभी कविता नहीं सुनाई 

मुकेश कमल 
7986308414