शुक्रवार, 7 नवंबर 2025

दोस्ती का फ़र्ज़

पतिदेव 
बंद होते ही दफ़्तर 
आते ही घर 
बैठे ही थे, कि
पत्नी चिल्लाई, अजी सुनते है,
आपका जिगरी दोस्त रमेश
शादी करने जा रहा है
शादी क्या वो तो मरने जा रहा है
जिससे शादी कर रहा है 
वो लड़की है घटिया किस्म की
समझती है खुदको हीरोइन फिल्म की
बहुत बकवास करती है
खुदको आधुनिक नारी कहती है
सुबह शाम फैशन में डूबी रहती है
आप तो कहते थे कि, आप
रमेश के सच्चे दोस्त है
आप दोनों बड़े अच्छे दोस्त है
रमेश को ये गलती करने से बचाइए 
जाइए, उसे समझाइए 
अपनी दोस्ती का फ़र्ज़ निभाइए 
पतिदेव झुंझला कर बोले 
क्यों उसने 
दोस्ती का फ़र्ज़ निभाया था क्या
जब यहीं गलती 
मैं कर रहा था तो मुझे समझाया था क्या
मैं कहता हूं कि उसकी शादी हो जल्दी
उसे भी पता चले कि दर्द में आराम ही नहीं
लगने के बाद दर्द भी देती है ये हल्दी।

मुकेश कमल 
7986308414

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