एक दिन आए मेरे पास
मूंह लटका, मुरझाया चेहरा
लगा बड़ा उदास
मैने पूछा बात हुई क्या
बोलो राम प्रकाश
क्यों है बेरंग चेहरा तेरा
जैसे सूखी घास
मायूसी से मित्रवर
बोले यार मुकेश
कल से हो रहा
घर में मेरे बड़ा क्लेश
मैने पूछे क्यों बे
ऐसी क्या बात हो गई
तेरी चांदनी रात
क्यों काली रात हो गई
वो बोला
यार ये लगता है मेरी लुगाई
कर रही है मुझसे वेवफ़ाई
मैने पूछा कैसे यार
वो बोला सुन ऐसे यार
रात गये वो बहुत देर से
लौटी थी घर
कारण पूछा तो उसने
ये दिया था उत्तर
रजनी से मिलने गई थी उसके यहां
ये सुनकर मैने कहा
अरे तो तुम्हे क्यों लगा
कि भाभी जी कर रही है तुमसे दगा
वो बोला रजनी से मिलने गई थी
उसने गलत कहा था
मैं बोला फिर क्या सही था
वो बोला रजनी के घर
मेरे और रजनी के सिवा
तीसरा कोई नहीं था।
मुकेश कमल
7986308414
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