बुधवार, 29 अक्टूबर 2025

मेरे बाप ने कुत्ता पाला

कवि महोदय पहुंच मंच पर
लगे जो करने कविता पाठ 
एक पंक्ति को दोहराया बार आठ 
मेरे बाप ने कुत्ता पाला 
मेरे बाप ने कुत्ता पाला 
बोले जाते 
बार बार इस एक पंक्ति को दोहराते 
भाई आपके पिता जी कुत्ता पाले या घोड़े 
पर उनसे निवेदन है कि 
उन्हें भौंकने के लिए मंच पर न छोड़े 
भीड़ में से आवाज आई 
उस दिन के बाद 
कवि जी ने त्याग दी कविताई
फिर कभी कविता नहीं सुनाई 

मुकेश कमल 
7986308414

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