कल से छोड़ देना आज मुस्कुरा के पी
जो कहते है कि यारों ये चीज़ बुरी है
उन दोस्तों को आज तू दिखा दिखाके पी
पीते हुए का कोई तेरा हाथ रोक ले, तो
उसको मना करके बहाना बनाके पी
माना दर्द ज़माने का इस दिल में है भरा
आज रात उस दर्द को तू भुलाके के पी
दिल भी टूटा है ये कांच टूट जाने दे
ज़ाम से ज़ाम आज रात टकराके पी
दीवानों का परवानों का मयखाना ठिकाना
आज "कमल" तू मयखाने जाके पी
मुकेश कमल
7986308414
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