मंगलवार, 28 अक्टूबर 2025

हरियाणे के छोरे

हरियाणे के छोरे 
होते है लाजवाब 
ग़ज़ब के हाजिरजवाब
कल ही की थी बात 
मैं और मेरा दोस्त 
रामफल एक साथ
कुरुक्षेत्र अड्डे से बस में चढ़े 
बस खचाखच सीट ना मिली 
बीच में होगे खड़े 
अचानक रामफल का हाथ 
एक छोरी के कंधे से छू गया 
और बिगड़ गई बात 
छोरी बोली "ओ के कर रिया है"
बस मैं खामोशी 
छोरी फिर बोली "ओ के कर रिया है"
रामफल बोल्या मै, मैं के कर रिया हूं,
इभी तो कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी 
से एम ए कर रिया हूं।
इतने मैं जूतों की हुई बौछार 
दिन मैं दिख गए ख़ाब 
हरियाणे के छोरे लाजवाब 

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