होते है लाजवाब
ग़ज़ब के हाजिरजवाब
कल ही की थी बात
मैं और मेरा दोस्त
रामफल एक साथ
कुरुक्षेत्र अड्डे से बस में चढ़े
बस खचाखच सीट ना मिली
बीच में होगे खड़े
अचानक रामफल का हाथ
एक छोरी के कंधे से छू गया
और बिगड़ गई बात
छोरी बोली "ओ के कर रिया है"
बस मैं खामोशी
छोरी फिर बोली "ओ के कर रिया है"
रामफल बोल्या मै, मैं के कर रिया हूं,
इभी तो कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी
से एम ए कर रिया हूं।
इतने मैं जूतों की हुई बौछार
दिन मैं दिख गए ख़ाब
हरियाणे के छोरे लाजवाब
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