अध्यापक महोदय
कक्षा में आते ही
छात्रो को देकर एक वाक्य अधूरा
बोले इसे करके दिखाओ पूरा
वाक्य था,
जिनके घर शीशे के होते हैं वो
छात्र सोच में पड़ गये की ये पूरा कैसे
हो
इतने में एक बच्चा
अकल का कच्चा
मन का सच्चा
देखने
में अति भोला
मासूमियत से बोला
श्रीमान,
जिनके घर शीशे के होते है
वो खुद को
लोगो की नज़रों से बचाकर
बदलते हैं कपड़े बत्ती बुझाकर.
लेखक (कवि),
मुकेश "कमल"
09781099423
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