सोमवार, 5 दिसंबर 2016

दंगा करदे


मुंशी गर ना लिखे रपट दंगा करदे
थानेदार जो दे डपट दंगा करदे

जातिवाद के विरुध तू भाषण दे जमके
बात जात पे आए तो झट दंगा करदे

दो गुंडे दो मुस्टंडे चल संग ले कर
बोले गर कुछ कोई झपट दंगा करदे

लोक भलाई हेतु जो धन माल मिले
चट कर जा सारा बजट दंगा करदे

यूँ तो नेता जी पूरे ही गाँधीवादी हैं
मन में लेकिन भरा कपट दंगा करदे

राजनीति में गर छाना हैं तुम्हे कमल
टिकट मिलेगा शॉर्टकट दंगा करदे

 लेखक(कवि)

 मुकेश 'कमल'
09781099423

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