पुराने क्रोधी
फैशनपरस्ती के विरोधी
संस्कारों के पक्षधरों की
पुरातन खंडहरो की
यानि
बुज़ुर्गों की सभा चल रही थी
उनकी जुबान आधुनिकता पर
आग उगल रही थी
इसी बीच
एक बूढ़े ने गर्म तेल सा खौलते हुए
मेकअप के ख़िलाफ़ बोलते हुए
कहा
महिलायें, जो लिपस्टिक लगाती है
ये लिपस्टिक मुझे जरा नहीं भाती है
औरतें लिपस्टिक पर करती है
कितना पैसा बरबाद
भाई मुझे तो इसका ना रंग पसंद है
ना ही इसका स्वाद
लेखक (कवि ),
मुकेश 'कमल'
09781099423
फैशनपरस्ती के विरोधी
संस्कारों के पक्षधरों की
पुरातन खंडहरो की
यानि
बुज़ुर्गों की सभा चल रही थी
उनकी जुबान आधुनिकता पर
आग उगल रही थी
इसी बीच
एक बूढ़े ने गर्म तेल सा खौलते हुए
मेकअप के ख़िलाफ़ बोलते हुए
कहा
महिलायें, जो लिपस्टिक लगाती है
ये लिपस्टिक मुझे जरा नहीं भाती है
औरतें लिपस्टिक पर करती है
कितना पैसा बरबाद
भाई मुझे तो इसका ना रंग पसंद है
ना ही इसका स्वाद
लेखक (कवि ),
मुकेश 'कमल'
09781099423
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