रविवार, 2 नवंबर 2025

शर्मा जी का दुःख

शर्मा जी की तीसरी 
बीवी के देहान्त पर
वर्मा जी सांत्वना 
देने पहुंचे उनके घर
ढांढस बंधाते हुए 
होले होले 
शर्मा जी से बोले 
भाभी जी के बारे जानकर 
बहुत दुख हुआ
उनकी आत्मा को शांति मिले 
ईश्वर से है यही दुआ 
मजबूती से इस संताप को
दुख सहने की दे शक्ति आपको
अच्छा 
शर्मा जी सुना है आपने 
तीन शादी की थी
भाभी जी आपकी 
तीसरी बीवी थी!
जी हां, कहकर 
शर्मा जी रोने लगे
अपने मोतिया बिंदी 
नैन भिगोने लगे
वर्मा जी के इस सवाल ने 
उनकी दुखती रग छुई थी,
भाई, शर्मा जी आपकी पहली 
पत्नी की मृत्यु कैसे हुई थी?
जी ज़हर खाकर
वर्मा जी रोनी सूरत बनाकर 
और जो दूसरी थी?
वो भी ज़हर खाकर मरी थी।
तो ये तीसरी!
ये तीसरी मंजिल से गिरी थी।
पहली दूसरी ज़हर खाकर 
तीसरी छत से छलांग लगाकर 
आप तो व्यक्ति संत है 
पर धर्म पत्नियों का
बड़ा दुखद अंत है
आख़िरआपके साथ
ऐसा क्यों हुआ?
शर्मा जी बोले वर्मा जी
ऐसा यों हुआ 
कि
पहली ज़हर खाकर मरी
दूसरी भी ज़हर खाकर मरी
ये ज़हर खाने को तैयार नहीं हुई
इसलिए छत से गिरी।

मुकेश कमल
7986308414










उस्तरे से बचाव

बाज़ार का टॉप 
चंचल बार्बर शॉप
मिस्टर देव 
गये कराने शेव
नाई शेव करने लगा 
उस्तरे की धार 
तेज रफ़्तार 
देख देव डरने लगा
नाई की हस्त कला देख
लगी सूखने सास
होने लगा यमदूत की
निकटता का आभास 
उधर
उस्तरे की स्पीड 
करता हुआ हाई 
बोला नाई
जनाब आप हो 
कितने भाई?
देव सोच रहा था ये 
नाई है या कसाई 
देव जी मौन 
उस्तरा लहराया 
नाई ने फिर प्रश्न दोहराया 
आप कितने भाई हो?
देव बोला "तेरे उस्तरे से
बच गया तो तीन
वरना दो।

मुकेश कमल 
7986308414

कीमत

एक पत्नी अपनी 
उंगली की कीमत 
पचास हजार बताती है,
क्यों?
कहती है इस उंगली पर वो 
अपने लखपति 
पतिदेव को नचाती है।

मुकेश कमल 
7986308414

शनिवार, 1 नवंबर 2025

मगन है

जनता रोटी की जद्दोजहद में मगन है 
नेता जी बाहुबल के ही मद मगन है।
जलता है तो जल जाए शहर इनकी बला से 
जीत कर  सांसद संसद में मगन है।
विश्वस्त सूत्रों से अब खबरें नहीं आती
मीडिया हाकिम की खुशामद में मगन है।
है मान लिया उसने कुएं को समंदर 
मेंढक वो कुंए की ही हद में मगन है।
नगद नारायण का जाप सेठ जी करते
लेकिन "कमल" मुरीद तो मुर्शद में मगन है।

मुकेश कमल 
7986308414

चांद और चकोर

प्यार क्यों किया जो निभाना नहीं आता
या प्यार करते हो पर जताना नहीं आता।

यूं दिल की बात दिल में छुपाए हुए हो क्यों
या बता नहीं सकते या बताना नहीं आता।

रुलाने का हुनर तो यहां आता है सभी को
लेकिन सभी को यारों हंसाना नहीं आता।

वो शख्स बन गया महफिल में मेज़बान 
पीना जिसे आता है पिलाना नहीं आता।

जो चाँद बनके आप फ़लक पर नहीं आते
बनके चकोर "कमल" दीवाना नहीं आता।

मुकेश कमल 
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बेवफ़ा कौन

मेरे परम मित्र 
एक दिन आए मेरे पास
मूंह लटका, मुरझाया चेहरा 
लगा बड़ा उदास
मैने पूछा बात हुई क्या
बोलो राम प्रकाश 
क्यों है बेरंग चेहरा तेरा 
जैसे सूखी घास 
मायूसी से मित्रवर 
बोले यार मुकेश 
कल से हो रहा 
घर में मेरे बड़ा क्लेश 
मैने पूछे क्यों बे 
ऐसी क्या बात हो गई
तेरी चांदनी रात 
क्यों काली रात हो गई
वो बोला 
यार ये लगता है मेरी लुगाई
कर रही है मुझसे वेवफ़ाई 
मैने पूछा कैसे यार
वो बोला सुन ऐसे यार
रात गये वो बहुत देर से 
लौटी थी घर
कारण पूछा तो उसने
ये दिया था उत्तर 
रजनी से मिलने गई थी उसके यहां
ये सुनकर मैने कहा
अरे तो तुम्हे क्यों  लगा
कि भाभी जी कर रही है तुमसे दगा 
वो बोला रजनी से मिलने गई थी
उसने गलत कहा था
मैं बोला फिर क्या सही था
वो बोला रजनी के घर 
मेरे और रजनी के सिवा 
तीसरा कोई नहीं था।

मुकेश कमल 
7986308414




आज ईद है

एक बच्चा दौड़ता हुआ 
मां के पास आकर 
मां से लिपटकर 
बोला मुस्कुरा कर
"अम्मी निकालिए पैसे"
अम्मी बोली "पैसे"
वो कैसे"
अरे ईद के पैसे अम्मी,
जल्दी दो ना 
मेरी प्यारी मम्मी"
मां सुनकर हैरान
बोली मेरे बुद्धू नादान 
आज ईद नहीं है
पगले तुझसे ये बात 
किसने कही है
बेटा मायूसी से बोला 
अम्मी झूठ मत बोलो
बच्चा हूं मानता हूं
मगर आज ईद है 
ये भी जानता हूं 
आज ईद है तभी तो
अब्बू फूल से खिल रहे थे
ईद पर गले मिलते है ना
अब्बू सुबह सुबह बाजू 
वाली आंटी से गले मिल रहे थे 
आंटी को सोने का हार 
अब्बू ने दिया खरीद है
अम्मी पैसे निकालो 
आज ईद है।

मुकेश कमल 
7986308414