मंगलवार, 10 जनवरी 2017

डाल दिया करो हथियार



पति पत्नि में 
चल रही थी बहस ज़ोरदार
दोनो तरफ से
हो रही थी सदवचनों की बौछार
हमेशा की तरह इस बार भी
पत्नि जीती, पति ने मानी हार
मुँह लटकाए होले होले
श्रीमान श्रीमती से बोले
क्यों मुँह की तोप से
तानों के करती रहती हो प्रहार
कभी तो हमारे आगे भी
डाल दिया करो हथियार
पत्नी जो काट रही थी आलू
अचानक हो गयी द्‍यालू
बोली, ठीक कहते हो
इस परिवार की कश्ती के
टूटे हुए पतवार
लो डाल दिया मैने हथियार
इतना कहकर उसने
आलू काटता हुआ चाकू
पति के सामने पटका
पति को लगा ज़ोर का झटका
पत्नि आती भोली
इठलाती हुई बोली
अब इस हथियार को उठाओ
आलू काटो- सब्जी बनाओ
खुद खाओ ना खाओ 
पर मुझे खिलाओ

लेखक(कवि),
मुकेश 'कमल'
09781099423


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