शुक्रवार, 17 फ़रवरी 2017

पानी में दूध

सुबह छह बजे 
घंटी बजी 
दरवाजा खोला 
सामने खड़ा था 
दूधिया भोला 
साहब नमस्ते 
दूध लीजिये 
जल्दी कीजिये 
भगोना दीजिये 
हमने भगोना आगे कर दिया 
उसने उसे भर दिया 
पर ये क्या 
हमें हुई हैरानी 
भोला ने भगोने 
में डाला केवल पानी 
मैं चौका 
उसे टोका 
अरे भाई भोला 
तू दूध वाला है या पानी वाला 
पैसे लेता है दूध के 
भगोने में सिर्फ पानी डाला 
भोला सकपका कर बोला 
माफ़ कीजिये साहब
फ़र्ज़ निभाना भूल गया 
आज ड्रम में पानी के मैं 
दूध मिलाना भूल गया 
वो बस इतना ही बोला था 
मैं आज तक सोच रहा हूँ 
क्या भोला वास्तव में भोला था 

लेखक 
कवि मुकेश 'कमल'
09781099423

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